ब्रिटेन की अदालत से भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है। यूके के उच्च न्यायालय ने बुधवार को भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन को खारिज कर दिया।
फरवरी में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव को भारत प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया है।
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अपने फैसले में वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैम गूजी ने कहा था कि नीरव मोदी को इंडियन कोर्ट के सामने सवालों का जवाब देना जरूरी है। ऐसे में प्रत्यर्पण को लेकर यूके का नया कानून इस पर लागू नहीं होता है। इस मामले में सीबीआई और ईडी- दोनों एजेंसियां अलग-अलग जांच कर रही है।
बता दें, बैंक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक भगोड़े आरोपी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की 9,371 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकारी बैंकों में स्थानांतरित कर दी गई है, जिससे धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।
बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ट्वीट कर कहा कि पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में न केवल 18,170.02 करोड़ रुपये (बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45%) की संपत्ति जब्त की, बल्कि 9371.17 करोड़ रुपये की कुर्की/जब्त संपत्ति का एक हिस्सा भी पीएसबी और केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया है।