चीन ने कहा है कि समूह में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को प्रवेश मिले या किसी को भी नहीं।चीन ने पाकिस्तान की नॉन-स्टार्टर पोजिशन का इस्तेमाल किया है। समूह के सूत्रों की मानें तो चीन और पाकिस्तान भारत के प्रवेश को रोकने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 25-26 अप्रैल को एनएसजी पार्टिसिपेटिंग गवर्नमेंट्स के कार्यक्रम में भारत ने सदस्यता के लिए एक फॉर्मल प्रेजेंटेशन दिया था। बैठक में इसी तरह का प्रेजेंटेशन पाकिस्तान ने भी दिया था। चीन ने समानता के आधार पर कहा है कि दोनों काे प्रवेश मिले या किसी को भी नहीं। चीन का साथ पाकर पाकिस्तान ने भी इस दिशा में प्रयास बढ़ा दिए हैं। वह परमाणु आपूर्ति समूह देशों की सरकारों को खत लिखने जा रहा है। इस बीच अमेरिका ने इस पूरी साजिश को एक तरह से चीन का गेम कहा है। अमेरिका की राय है कि भारत के परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के भारत के दावे की पाकिस्तान के साथ तुलना ही नहीं की जा सकती। बता दें कि जून में एनएसजी के प्लेनरी सेशन में भारत के एप्लीकेशन की भी चर्चा होगी। संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों ने भी कहा कि पाकिस्तान के यह प्रयास बेकार हैं। उसका इस तरह से अपना नाम पेश करना नियमों के मुताबिक नहीं है।
परमाणु आपूर्ति समूह में भारत को न मिले प्रवेश, चीन ने पाक संग रची साजिश
चीन भारत का सच्चा दोस्त कभी नहीं हो सकता। वह हमेशा कुछ न कुछ मसले पर भारत का विरोध करता आया है। ताजा मामले में चीन ने भारत की परमाणु आपूर्ति समूह में एंट्री रोकने के लिए पाकिस्तान के साथ एक साजिश रच दी है।
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