इंटरपोल का कहना है कि माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं। ऐेसे में इंटरपोल विजय माल्या का पक्ष जानने के लिए संपर्क कर सकती है। नोटिस की पूरी समीक्षा होने में 2-3 महीने लगेंगे। आपको बता दें कि जब कोई आरोपी भारत छोड़ दूसरे देश चला जाता है तब इंटरपोल उसे वापस भेजने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है।
गौरतलब है कि विजय माल्या के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय नेे धन शोधन संबंधी जांच के सिलसिले में गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है। ब्रिटेन द्वारा माल्या को वहां से निर्वासित करने के भारत के अनुरोध को हाल ही में खारिज किए जाने की पृष्ठभूमि में भारत ने इंटरपोल से संपर्क किया है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस संबंध में इंटरपोल को एक अनुरोध भेजा है। इससे पहले उसकी सहयोगी जांच एजेंसी ईडी ने कारोबारी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने की मांग की थी ताकि वह जांच में शामिल हो सकें।