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हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

उत्तर कोरिया ने रविवार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय जगत को हैरत में डालते हुए नाराज कर दिया। उत्तर कोरिया ने एक सरकारी समाचार एजेंसी के जरिये ऐलान किया कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है।
हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी के एक विशेष प्रसारण में, पारंपरिक कोरियाई परिधान पहनकर आई एक प्रस्तोता ने कहा कि इस प्रक्षेपण के जरिए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह क्वांगम्योंग 4 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इस प्रक्षेपण का आदेश नेता किम जोंग उन की ओर से निजी तौर पर दिया गया था। प्रस्तोता ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण एवं स्वतंत्र उपयोग से जुड़े उत्तर कोरिया के अधिकार का वैध इस्तेमाल है। प्रस्तोता ने यह भी कहा कि इसने हमारी राष्ट्रीय रक्षा क्षमता को बढ़ावा देने वाली एक उपलब्धि को भी रेखांकित किया है। उसने कहा कि उत्तर कोरिया के वैज्ञानिक भविष्य में और अधिक उपग्रहों के प्रक्षेपण पर काम करेंगे। 

प्रक्षेपण के जरिये उत्तर कोरिया ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नाराज कर दिया है। खासकर अमेरिका, जापान और उसके पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया में उसके इस प्रक्षेपण से जबर्दस्त रोष है। अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को अस्थिरताकारक और भड़काउ बताया है, वहीं जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे पूरी तरह असहनीय बताया है। न्यू यॉर्क में राजनयिकों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज एक आपात सत्र की बैठक करेगी। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुन हे ने कहा कि परिषद को उत्तर कोरिया के इस कदम के खिलाफ कड़े दंडात्मक उपायों के साथ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कदम वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है। उत्तर कोरिया ने इस प्रक्षेपण के जरिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन तो किया ही है, साथ ही प्योंगयांग के पिछले माह के परमाणु परीक्षण पर उसे दंडित करने के लिए संघर्ष कर रहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की और अधिक नाराजगी का जोखिम भी उठाया है। 

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के जरिए उत्तर कोरिया को इसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विकास को रोकने के लिए कहा गया है। इसके बावजूद प्योंगयांग इसे शांतिपूर्ण अंतरिक्ष अभियान बताते हुए कहता रहा है कि उसके रॉकेट दोहरे प्रयोग की तकनीक से लैस हैं, जिसमें असैन्य और सैन्य दोनों अनुप्रयोग हैं। अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान जैसे सहयोगियों के साथ मिलकर प्योंगयांग को चेतावनी दी थी कि यदि वह प्रक्षेपण के मामले में आगे बढ़ता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन विश्लेषकों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इसके लिए ऐसा समय चुना, जब इसके प्रभाव को कम किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के छह जनवरी के परमाणु परीक्षण पर एक संगठित प्रतिक्रिया देने के लिए संघर्षरत है, ऐसे में इस भड़काउ रॉकेट प्रक्षेपण से सजा में कुछ ज्यादा वृद्धि असंभव लग रही है।

वहीं लंबे समय से उत्तर कोरिया का सहयोगी रहे चीन ने उत्तर कोरिया के लंबी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण पर खेद व्यक्त किया। चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र बड़ा सहयोगी और व्यापारिक साझेदार है, लेकिन प्योंगयांग के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हाल के वर्षों में दोनों के बीच संबंध बाधित हुए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग के हवाले से मंत्रालय की वेबसाइट पर कहा गया, अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रक्षेपण कार्यान्वयन की उत्तर कोरिया की जिद के संबंध में चीन खेद व्यक्त करता है। उन्होंने कहा, डीपीआरके को अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल का अधिकार है, लेकिन वह अधिकार संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों द्वारा सीमित है। हुआ ने कोरियाई प्रायद्वीप के बारे में संबंधित पक्षों से स्थिति से शांति से निपटने और वार्ता तथा विमर्श का आह्वान किया।

 

 

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