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‘मरका-ए-हक’ का हिस्सा था ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’: पाकिस्तानी सेना

पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’, ‘मरका-ए-हक’ (सत्य की लड़ाई) का...
‘मरका-ए-हक’ का हिस्सा था ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’: पाकिस्तानी सेना

पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’, ‘मरका-ए-हक’ (सत्य की लड़ाई) का हिस्सा था, जो पाकिस्तान में भारतीय हमलों के बाद शुरू हुआ था।

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में छह मई को देर रात आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए थे।

भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।

भारत और पाकिस्तान चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष को समाप्त करने के लिए शनिवार को एक सहमति पर पहुंचे।

पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सैन्य संघर्ष ‘मरका-ए-हक’ के तहत 10 मई को ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’ (लोहे की दीवार) चलाया गया था, जो छह और सात मई की दरमियानी रात को शुरू हुए भारतीय हमलों के जवाब में किया गया था।

सेना ने बताया कि भारतीय हमले में कई नागरिकों की मौत हो गई। सेना के अनुसार, ‘मरका-ए-हक’ 22 अप्रैल से 10 मई तक चले व्यापक संघर्ष को दिया गया आधिकारिक नाम है, जबकि ‘ऑपरेशन बुन्यान-ए-मर्सूस’ 10 मई को शुरू किए गए सैन्य अभियान को दिया गया नाम था।

इसने कहा, “पाकिस्तान ने भारत के निंदनीय सैन्य आक्रमण के लिए न्याय व प्रतिशोध की कसम खाई थी और पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने हमारे लोगों से किया गया वादा पूरा किया है।”

सेना ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के मामले को ‘‘स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ’’ प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए राजनयिकों को धन्यवाद दिया।

इसने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने ‘स्वदेशी और विशिष्ट आला तकनीकें’ विकसित कीं, जो ऑपरेशन की शानदार सफलता में सहायक रहीं।

सेना ने देश की रक्षा के समर्थन में एकजुट संकल्प दिखाने के लिए बिना किसी भेदभाव के सभी राजनीतिक दलों के राजनीतिक नेतृत्व की भी प्रशंसा की।

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