सेना की विज्ञप्ति में बताया गया कि सुरक्षा बलों ने मस्तंग इलाके में एक से तीन जून तक आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया। सुरक्षा बलों को यह जानकारी मिली थी कि मस्तंग से सुरक्षा बलों को यह जानकारी मिली थी कि मस्तंग से 36 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में इस्पलिंगी पहाड़ियों की गुफाओं में प्रतिबंधित लश्कर-ए-झांगवी के 15-20 आतंकी छिपे हुए हैं। बताया जाता है कि ये लोग आईएस से संपर्क बनाने और उनके लिए बलूचिस्तान में ठिकाना बनाने में सहायता कर रहे थे।
सेना ने कहा कि आतंकियों के सफाए के लिए दस किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस इलाके में यह अभियान एक जून की सुबह शुरू हुआ और तीन दिन तक चला। सेना ने कहा कि तीखी ऊंचाई वाले पहाड़ और कई गुफाओं के कारण इस अभियान चलाने में काफी परेशानी हुई। इसके बाद भी सेना ने तीन जून तक आतंकियों के छिपने के सभी स्थानों को खाली करा लिया। इस दौरान हुई गोलीबारी की में 12 आतंकी मारे गए जबकि दो अफसरों समेत पांच जवान घायल हुए।
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एक गुफा के भीतर बम बनाने वाली फैक्ट्री को नष्ट किया। भारी मात्रा में हथियारों के अलावा 50 किलो विस्फोटक, तीन आत्मघाती जैकेट, 18 ग्रेनेड, छह रॉकेट लांचर, चार लाइट मशीन गन, 18 छोटे मशीन गन, चार स्निपर राइफल, 38 संचार उपकरण बरामद किए। 12 मई को सीनेट के डिप्टी चेयरमैन मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी पर हमला करने वाला आत्मघाती हमलावर इसी ठिकाने से आतंकियों द्वारा भेजा गया था।