पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को शांतिपूर्ण पड़ोसियों की तरह बातचीत की मेज पर बैठकर कश्मीर सहित अपने लंबित मुद्दों को सुलझाना चाहिए। देश ने अपनी सेना के सम्मान में ‘यौम-ए-तशक्कुर’ (धन्यवाद दिवस) मनाया।
पाकिस्तान स्मारक पर आयोजित विशेष ‘यौम-ए-तशक्कुर’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने तीन युद्ध लड़े और इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
शहबाज ने कहा, ‘‘सबक यह है कि शांतिपूर्ण पड़ोसियों की तरह दोनों मुल्कों को बैठकर जम्मू कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को सुलझाना चाहिए। इन मुद्दों के समाधान के बिना हम दुनिया के इस हिस्से में शांति नहीं ला सकते।’’
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा।
शहबाज ने कहा, ‘‘अगर शांति होती है, तो हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी सहयोग कर सकते हैं।’’ इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि थे, जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
सीमा पार से चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी।
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, इस्लामाबाद में 31 तोपों की सलामी और प्रांतीय राजधानियों में 21 तोपों की सलामी के साथ दिन की शुरुआत हुई, साथ ही विशेष प्रार्थनाएं की गईं। सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरे देश में रैलियां भी आयोजित की गईं।
शहबाज ने ‘यौम-ए-तशक्कुर (आभार दिवस)’ के सिलसिले में इस्लामाबाद स्थित प्रधानमंत्री आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव के संदर्भ में कहा, ‘‘पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन वह अपने बचाव में उचित जवाब देने का अधिकार रखता है।’’
शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों ने भारत को ‘‘उचित और प्रभावी ढंग से’’ जवाब दिया तथा देश के सैन्य इतिहास में एक ‘‘स्वर्णिम अध्याय’’ लिखा।