पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद को रोकने के लिए लगातार भारत और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगा दिया। यह फैसला पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया। इमरान ने अन्य सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा था। प्रधानमंत्री कार्यालय में गुरुवार को हुई इस बैठक में पुलवामा हमले और इसके बाद बनी स्थिति पर चर्चा हुई। इसमें अहम विभागों के मंत्री, सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में इमरान खान ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा अधिकारियों को आतंकी संगठनों पर तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश आतंकियों के हाथों की कठपुतली न बन जाए।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया ये फैसला
पाकिस्तान गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘गैरकानूनी करार दिए गए संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला बैठक में लिया गया।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘यह तय किया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित किया जाए।’ इससे पहले गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था। अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे और स्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं.
मुंबई हमलों का जिम्मेदार जमात-उद-दावा
जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। इसी संगठन ने भारत में मुंबई हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोगों की जानें चली गईं थीं। अमेरिका ने जून 2014 में जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। इसके चीफ हाफिज सईद को भी अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है। संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में भी हाफिज सईद का नाम है। जमात-उद-दावा अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फलाह-ए-इंसानियत नाम के संगठन के जरिए फंड इकट्ठा करता है। दोनों संगठनों के पाकिस्तान में 50,000 से ज्यादा सदस्य हैं। जमात-उद-दावा के नेटवर्क में 300 से ज्यादा मदरसे हैं।
भारत छीन चुका है एमएफएन का दर्जा
पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति के तहत भारत ने आर्थिक तौर पर उसकी कमर तोड़नी शुरू कर दी है। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था और वहां से आने वाले सामान पर ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी थी। गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों का पानी भी रोकने का फैसला किया।