हमलावरों ने रविवार की प्रार्थना के दौरान योहानाबाद इलाके में स्थित रोमन कैथलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च के दरवाजों पर विस्फोट कर दिया जिसके बाद वहां भगदड़ मच गयी और दहशत में आये लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अलग हुए संगठन जमात-उल-अहरार ने दावा किया है कि दोनों विस्फोटों में पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 11 लोग मारे गये।
स्थानीय ईसाई नेता असलम परवेज सहोत्राा ने पीटीआई से कहा, योहानाबाद ईसाई काॅलोनी में क्राइस्ट चर्च और कैथलिक चर्च में रविवार की प्रार्थना सभा चल रही थी तभी दोनों आत्मघाती हमलावर वहां पहुंचे और चचोर्ं में घुसने का प्रयास किया। हालांकि जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहां घुसने से रोका तो उन्होंने वहीं विस्फोट कर दिया। उन्होंने कहा कि घटना के समय गिरिजाघरों में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग थे।
पंजाब की आपात सेवा रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता जैम सज्जाद ने कहा, हमले में 50 लोग घायल हो गये। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल मंे पहुंचाया गया है और इनमें से पांच की हालत गंभीर बताई गयी है।
हमले के तुरंत बाद भीड़ ने दो संदिग्धों को कथित तौर पर पीटा। बाद में भीड़ ने उन्हें आग के हवाले कर दिया। उनका शरीर पूरी तरह जल गया। एक चश्मदीद ने कहा, हमने दो संदिग्धों को पकड़ा जो आत्मघाती हमलावरों के साथी लग रहे थे। आक्रोशित भीड़ ने दोनों आतंकवादियों की पिटाई के बाद उन्हें जला दिया। संदिग्धों ने माना कि वे आत्मघाती हमलावर के साथी थे और अभियान पर नजर रखने के लिए आये थे।
पाकिस्तान के सबसे बड़े ईसाई रिहायशी इलाके योहानाबाद में कम से कम दस लाख लोग रहते हैं और यहां 150 से अधिक चर्च हैं। लाहौर के उप महानिरीक्षक हैदर अशरफ ने भी दोनों हमलों के आत्मघाती होने की पुष्टि की। अशरफ ने कहा, दोनों हमले आत्मघाती विस्फोट थे। चचोर्ं के दरवाजों पर पुलिसकमर्ी तैनात थे। विस्फोटों में दो पुलिसकमर्ी मारे गये। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों को लंबे समय से चरमपंथियों और आतंकवादी समूहों द्वारा निशाना बनाया जाता रहा है। वर्ष 2013 में पेशावर के कोहाटी गेट इलाके में आल सेंट्स चर्च पर दो आत्मघाती हमलों में 80 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गये थे। घटनाओं के बाद ईसाई सड़कों पर उतरे और शहर में अनेक रास्तों पर यातायात अवरद्ध कर दिया।