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भारत से प्रभावित है पाक की अफगान नीति: अमेरिकी जनरल

अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति को बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है और इस तनाव से पाकिस्तान की अफगानिस्तान में रणनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
भारत से प्रभावित है पाक की अफगान नीति: अमेरिकी जनरल

अमेरिका की केंद्रीय कमान के प्रमुख जनरल लॉयड ऑस्टिन ने कांग्रेस की हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा बना हुआ है और इससे पाकिस्तान की क्षेत्रीय रणनीति प्रभावित होती है, खासतौर पर तब, जब इसका संबंध अफगानिस्तान से हो।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से सैनिकों को हटाए जाने से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों को सामान्य करने का एक अवसर पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, यह दोनों देशों को अपने सीमावर्ती क्षेत्र में संचालित हिंसक चरमपंथी संगठनों से निपटने की एक साझा जमीन ढूंढने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विश्वास बहाली के उपायों को लागू करने में सहयोग देने की दिशा में काम कर रहा है ताकि उनके बीच सीमावर्ती तनाव को कम किया जा सके और सैन्य सहयोग को बढ़ाया जा सके। अमेरिकी केंद्रीय कमान के प्रमुख ने कहा, हम अमेरिका और हमारे मूल राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा पेश करने वाले समूहों और ठिकानों के खिलाफ आतंकवाद रोधी अभियान चलाने की एक-पक्षीय क्षमता को बरकरार रखेंगे।

जनरल ने कहा, हमारा अंतिम उद्देश्य एक ऐसे स्थिर उपक्षेत्र से जुड़ा है, जहां पारंपरिक या परमाणु युद्ध का खतरा बहुत कम हो और क्षेत्रीय देश अपने पड़ोसियों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें, हिंसक चरमपंथी संगठनों के लिए पनाहगाह उपलब्ध नहीं करवाने और जनसंहारक हथियारों के अप्रसार के लिए प्रतिबद्ध हों। उन्होंने कहा कि अमेरिका क्षेत्रीय सैन्य नेतृत्वों के बीच बहुपक्षीय प्रशिक्षण एवं अभियानों को प्रोत्साहन देकर समय-समय पर संपर्क कार्यक्रम आयोजित करके सेनाओं के बीच के संबंधों को सुधारने के लिए भी काम करेगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संघीय प्रशासित कबायली इलाकों (एफएटीए) और अफगानिस्तान के पूर्वी इलाकों में हिंसक चरमपंथी संगठन लगातार सक्रिय हैं। ये समूह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं और अमेरिका एवं उसके सहयोगियों के खिलाफ हमलों की योजना बनाते हैं। इनके पास जनसंहार के हथियार हैं। अमेरिकी केंद्रीय कमान प्रमुख ने कहा कि अमेरिका ने पिछले साल में पाकिस्तान के साथ सहयोग को मजबूत करने के अपने प्रयासों में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने कहा, हम एफएटीए में उग्रवाद से निपटने के अभियानों और अफगानिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के लिए तैयार होने के प्रति नेतृत्व की प्रतिबद्धताओं से प्रोत्साहित हैं।

उन्होंने पाकिस्तान के समक्ष मौजूद राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा से जुड़ी उन चुनौतियों पर चिंता जाहिर की, जो देश की दीर्घ-कालीन स्थिरता को कमजोर करने का खतरा पेश करती हैं। उन्होंने कहा, देश में सक्रिय हिंसक चरमपंथी इन स्थितियों का इस्तेमाल अपने उद्देश्यों के लिए करते हैं। इससे लोगों को आतंकी हमलों से बचाने की सुरक्षा बलों की क्षमता बाधित हो रही है। जनरल ने उत्तरी वजीरिस्तान और एफएटीए के तहत आने वाले अन्य क्षेत्रों में आतंकी वर्चस्व का सफाया करने के लिए पाकिस्तानी सेना के हालिया अभियानों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, इन अभियानों ने सफलता के करीब की स्थिति हासिल की है। पाकिस्तान को निकट भविष्य में भी हिंसक चरमपंथी अभियानों का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि अफगान-पाकिस्तान संबंधों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सैन्य प्रमुख जनरल राहील शरीफ के साथ-साथ अफगान राष्ट्रपति गनी के अधिक सकारात्मक रूख द्वारा जाहिर की गई बेहतर संबंधों की इच्छा, सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय हिंसक चरमपंथियों के खतरे पर एक साझा सोच विकसित करने के दोनों पक्षों के प्रयास तय कर सकती है। उन्होंने कहा, पिछले साल दिसंबर में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में हुई त्रासदी के जवाब में दोनों देशों ने आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने की इच्छा जाहिर की। यह प्रोत्साहक है और प्रगति को दर्शाता है। अमेरिकी केंद्रीय कमान इस महत्वपूर्ण संबंध को मजबूत करना जारी रखेगा।

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