फ्रांस के पेरिस में बैठक के बाद वरिष्ठ फलस्तीनी अधिकारी साएब इराकात ने कहा कि अब्बास ने द्विराष्ट समाधान को हासिल करने की संभावनाओं को लेकर फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां मार्क आयरा से भी बातचीत की। उन्होंने दोनों वार्ताओं को काफी रचनात्मक बताया। इराकात ने बताया, हमें वार्ता के लिए एक समयसीमा की जरूरत है और इसके क्रियान्वयन के लिए भी एक खास समयसीमा की जरूरत है, और हमें एक अंतरराष्ट्रीय रूपरेखा की जरूरत है जो किसी भी समझौते के क्रियान्वयन को सुनिश्चित कर सके। फ्रांस ने 2014 के अंतिम दौर की वार्ता की विफलता के बाद इस्राइली-फलस्तीनी शांति वार्ता को फिर से बहाल करने के लिए एक ताजा पहल की अगुवाई की है।
इराकात ने कहा, अब्बास ने फ्रांस के इस पहल में इस साल के अंत तक एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने को लेकर हमारे पूर्ण समर्थन को फिर से दोहराया है। फलस्तीनी वार्ताकार ने बताया कि, अवरोध को तोड़ने और शांति वार्ता को आगे बढ़ाने को लेकर चल रहे गतिरोध को तोड़ने के लिए फ्रांस, अमेरिका और अभी हाल के मिस्र के प्रयासों के बीच कोई विरोधाभास नहीं है। उन्होंने बताया, इन सभी प्रयासों का उद्देश्य 1967 की तर्ज पर आधारित द्विराष्ट्रीय समाधान निकालने के लिए शांतिवार्ता को बहाल करना है। जो एक-दूसरे के पूरक हैं। केरी ने भी फ्रांसीसी समकक्ष से इस्राइली-फलस्तीनी संघर्ष के मुद्दे पर बातचीत की। एक विज्ञप्ति में अमेरिका की ओर से कहा गया, हिंसा को रोकने के लिए सभी दलों के मजबूत नेतृत्व और सार्थक विचार-विमर्श के लिए व्यवहारिक कदम उठाने को लेकर वे सहमत हुए।