पिछले कुछ सालों में अली को कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले उन्हें 2015 के शुरू में पेशाब संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अली तीन बार विश्व चैंपियन रहे। 1964 में पहली बार यह खिताब जीतने के बाद वह 1974 और फिर 1978 में विश्व चैंपियन बने।
छह फुट तीन इंच लंबे अली को कैरियर के दौरान हजारों मुक्के खाने की वजह से पार्किनसन की बीमारी हो गई थी। इसकी वजह से वह सार्वजनिक रूप से ज्यादा बातचीत करने में समर्थ नहीं थे। हालांकि अपने परिवार और प्रवक्ताओं के ज़रिए वह अपनी राय रखते रहते थे। 1996 में अटलांटा ओलिंपिक गेम्स में अली ने बिना पूर्व सूचना के उपस्थित होकर सबको अचंभित कर दिया था। पार्किनसन की वजह से उनके हाथ कांप रहे थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ओलिंपिक की मशाल जलाई थी। इसके अलावा लंदन ओलिंपिक्स 2012 में भी वह व्हीलचेयर पर आए थे। उन्होंने चार शादी की थी और उनके नौ बच्चे हैं। इनमें उनकी एक बेटी लैला अली पेशेवर महिला मुक्केबाज हैं।