विदेश प्रवास के दौरान मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है। स्विट्जरलैंड के नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा कालेधन के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। अपनी विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान जाएंगे जहां हेरात प्रांत में वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मित्रता सेतु का भी उद्घाटन करेंगे। जिसे सलमा बांध के नाम से भी जाना जाता है। दोनों नेता अफगानिस्तान में मौजूदा हालात सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। मोदी कल ही अफगानिस्तान से कतर जाएंगे और फिर वहां से रविवार को दो दिन के लिए स्विट्जरलैंड जाएंगे।
स्विट्जरलैंड से प्रधानमंत्री 6 जून को वाशिंगटन जाएंगे जहां उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम है। पीएम 6 जून को अरलिंगटन नेशनल सिमिटरी में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह कई अमेरिकी थिंकटैंक के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। वह प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में भी शिकरत करेंगे। पीएम मोदी 7 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ द्विपक्षीय मुद्दों के संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में बातचीत करेंगे। बातचीत के बाद मोदी के लिए ओबामा ने एक भोज का आयोजन भी किया है। 8 जून को पीएम अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और बाद में उनके लिए स्पीकर ने दोपहर के भोज का आयोजन किया है। मोदी ऐसा करने वाले पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। मोदी के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट की विदेश मामलों की समितियों एवं इंडिया कॉकस भी एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। मोदी राष्ट्रपति के गेस्टहाउस, ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे।
मोदी के दौरे में आखिरी समय पर स्विट्जरलैंड और मैक्सिको की यात्रा के कार्यक्रम को जोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि इसी साल परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से इतर स्विस राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई मुलाकात में इस यात्रा का विचार आया। उन्होंने कहा कि मैक्सिको की यात्रा के बारे में पिछले साल सितंबर से विचार किया जा रहा था। मोदी 8 जून को मैक्सिको पहुंचेंगे जहां वह राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बातचीत करेंगे जिसमें एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी का विषय भी शामिल होगा।