प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम डॉ. शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लाम से सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने और अतिवाद एवं कट्टरता के मुकाबले से संबंधित मुद्दों समेत भारत-मिस्र संबंधों पर चर्चा की।
मिस्र की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने अल्लाम को अवगत कराया कि भारत मिस्र के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अंतर्गत इस्लामिक विधिक अनुसंधान के लिए मिस्र की परामर्श संस्था ‘दार-अल-इफ्तार’ में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना करेगा।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को आयोजित बैठक पर प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अल्लाम ने समावेशिता और बहुलवाद को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भी सराहना की।
मुफ्ती-ए-आजम ने भारत की अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए भारत एवं मिस्र के बीच मजबूत सांस्कृतिक एवं लोगों से लोगों के संबंध को रेखांकित किया।
विज्ञप्ति में कहा गया कि चर्चा के दौरान समाज में सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द और अतिवाद एवं कट्टरता के मुकाबले से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया,‘‘मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम डॉ. शॉकी इब्राहिम अल्लाम से मिलने का सौभाग्य मिला। हमने भारत और मिस्र के बीच संबंध विशेषकर सांस्कृतिक एवं लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की।’’
मुफ्ती-ए-आजम ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। उनके साथ बैठक बहुत बढ़िया और दिलचस्प रही। वास्तव में, वह भारत जैसे बड़े देश के लिए कुशल नेतृत्व को दर्शाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इससे पहले वह मोदी से दिल्ली में एक सूफी सम्मेलन में मिले थे।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों बैठकों के बीच मैंने यही महसूस किया कि भारत में बहुत विकास हुआ है। यह दर्शाता है कि वह भारत में लगातार काम कर रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में विभिन्न धड़ों के बीच सह-अस्तित्व बनाने के लिए कुशल नीतियां अपनाईं।’’
अल्लाम ने कहा, ‘‘धार्मिक स्तर पर मिस्र और भारत के बीच मजबूत सहयोग है और भारत एवं मिस्र इस सहयोग को और बढ़ाने तथा इसे प्रगाढ़ करने को लेकर आशान्वित हैं।’’ उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के निमंत्रण पर पिछले महीने भारत की यात्रा की थी।
भारत यात्रा से पहले लिखे एक लेख में अल्लाम ने चुनौतीपूर्ण दुनिया में सहयोग एवं मित्रता बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों का कई लोगों ने स्वागत किया है, लेकिन ऐसी नेक इच्छाओं को आपसी विश्वास और सम्मान के टिकाऊ रिश्ते में बदलने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने लिखा था, ‘‘यह वह संदेश है जो मैं मुस्लिम जगत की ओर से इस सप्ताह भारत में देना चाहता हूं।’’
अल्लाम 2013 में मिस्र के पहले निर्वाचित मुफ्ती-ए-आजम बने। वह दुनियाभर में 100 फतवा प्राधिकारों के बीच समन्वय के लिए बनाए गए साझा संगठन ‘फतवा अथॉरिटीज वर्ल्डवाइड’ के ‘सुप्रीम काउंसिल ऑफ द जनरल सेक्रेटेरिएट’ के अध्यक्ष का पद संभालते हैं।