उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने, धन शोधन करने वालों की तलाश और उनका बिना शर्त प्रत्यर्पण करने, जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों के जाल को तोड़ने तथा अत्यधिक बैंकिंग गोपनीय खत्म करने के लिए प्रयास करने की जरूत है जो भ्रष्टाचार और उनके कारनामों पर पर्दा डालते हैं। उन्होंने कहा कि वृद्धि के लिए स्थिर वैश्विक आर्थिक और वित्तीय प्रणाली आवश्यक है क्योंकि इससे समावेशी तथा सतत वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा दायरे को और मजबूत करने का आहवान किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर जारी कई संदेशों में प्रधानमंत्राी के हवाले से कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष :आईएमएफ:, क्षेत्रीय वित्तीय व्यवस्था एवं द्विपक्षीय अदला-बदली व्यवस्थाओं के बीच हमें निरंतर वार्ता की जरूरत है। वित्तीय स्थिरता बोर्ड जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों को अपने मुख्य कामों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
मोदी ने कहा, आईएमएफ को कोटा आधारित संस्थान बने रहना चाहिए और उसे उधार पर लिए गए संसाधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्राी ने जोर दिया कि लंबे समय से अटकी कोटा की 15 वीं आम समीक्षा 2017 की सालाना बैठकों तक पूरी हो जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, भारत को अपने विकास को समर्थन प्रदान करने के लिए उर्जा की जरूरत है। परमाणु, नवीकरणीय उर्जा और जीवाश्म ईंधन का संतुलित मिश्रण हमारी नीति का केंद्र है। जी20 सदस्य विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। जी20 देशों में अर्जेंटीना, आस्टेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुकर्ी, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
मोदी ने ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री टेरेसा मे से मुलाकात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्राी टेरेसा मे से मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है। उन्होंने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के मद्देनजर द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के उपायों पर चर्चा की। जी20 सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं ने यहां दुनिया के सबसे बड़े एकल बाजार यानी यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग हो जाने के बाद अवसरों के निर्माण पर चर्चा की।
विदेश मंत्राालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर जानकारी दी, यूनाइटेड किंगडम के साथ अवसरों का निर्माण। प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे के साथ पहली बार द्विपक्षीय वार्ता की। मे ने 13 जुलाई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। राष्ट्र की जनता ने यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में मत दिया था जिसके बाद उनके पूर्ववर्ती डेविड कैमरन ने पद से इस्तीफा दे दिया था। भाषा एजेंसी