शिकागो में होने वाली विश्व हिंदू कांग्रेस में मुख्य वक्ता होंगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस हफ्ते के अंत में शिकागो में आयोजित होने जा रहे विश्व हिंदू कांग्रेस में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल होंगे। आयोजकों ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन में दुनिया भर से कई हिंदू नेता शिरकत करेंगे।
इस कार्यक्रम के अंतिम दिन उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू भी संबोंधित करेंगे। यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो की विश्व धर्म सभा में दिए गए भाषण की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
सात सितंबर से नौ सितंबर तक आयोजित होने वाले विश्व हिंदू कांग्रेस में 80 देशों से 2,500 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेने की उम्मीद है। अपने संबोधन में भागवत इस सम्मेलन के थीम ‘सुमनत्रिते सुविक्रांते’ पर जोर दे सकते हैं। थीम सुमनत्रिते सुविक्रांते का मतलब है सामूहिक रूप से चिंतन करें, वीरतापूर्वक प्राप्त करें।
विश्व हिंदू कांग्रेस के आयोजकों में से एक और आईआईटी के पूर्व छात्र स्वामी विज्ञानानंद ने एक सवाल के जवाब में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आरएसएस प्रमुख दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बसे हिंदुओं के एकजुट होने और मानवता के हित में एक ही तरह से सोचने की जरूरत पर जोर दे सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘यह कोई धार्मिक सम्मेलन नहीं है।’
विज्ञानानंद ने कहा, ‘‘विश्व हिंदू कांग्रेस का मकसद हिंदू समाज को एकजुट करना है और इसके साथ ही समाज के हितों का ख्याल रखना और दुनिया के अन्य वंचित, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की मदद करना है।’’
विज्ञानानंद के अनुसार, यह सम्मेलन न तो धार्मिक है और न ही दार्शनिक है। सम्मेलन में समुदाय से जुड़े मुद्दों पर जोर दिया जाएगा। इसमें उन मुद्दों पर जोर दिया जाएगा जो आधुनिक समय में किसी भी समुदाय की प्रगति के लिए प्रासंगिक हैं।
विज्ञानानंद ने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में 80 से ज्यादा देशों के 2,500 से ज्यादा प्रतिनिधि और 250 से ज्यादा वक्ता हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में आर्थिक, शैक्षणिक, मीडिया, सांगठनिक, राजनीतिक और महिलाओं एवं युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सत्र का आयोजन होगा। इसमें वैश्विक हिंदू समुदाय के मूल्यों, रचनात्मकता एवं उद्यमी भावना को भी प्रदर्शित किया जाएगा।