रूस ने भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला संविधान के अनुसार ही लिया है। मॉस्को को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर राज्य पर दिल्ली द्वारा लिए गए फैसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि नहीं होने देंगे।
रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, हमें उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा। भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे।ॉ
चीन ने बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की दी नसीहत
इससे पहले चीन ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान से बातचीत के जरिए ही अपना विवाद सुलझाने की नसीहत दी। चीन का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अनुच्छेद-370 हटाए जाने के खिलाफ समर्थन जुटाने की कवायद के तहत बीजिंग पहुंचे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है। वह दुनिया के बड़े मुल्कों का समर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
अपने लिखित बयान में चीन ने क्या कहा
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने एक लिखित बयान में कहा कि उसने पाकिस्तान के बयान पर ध्यान दिया है। हम भारत और पाकिस्तान दोनों का आह्वान करते हैं कि वे अपने विवादों को बातचीत से सुलझाते हुए क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखें। अनुच्छेद-370 पर दिए गए निर्णय का बिना उल्लेख करते हुए चीन ने कहा कि संबंधित पक्ष को एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए तनाव बढ़ाने का काम नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी 11 अगस्त से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर बीजिंग में होंगे। इस दौरान वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक करेंगे।
जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार का ये था बड़ा कदम
दरअसल, भारत ने इस हफ्ते की शुरुआत में अनुच्छेद 370 को खत्म करके लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। भारत के इस कदम ने पाकिस्तानी सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अवैध एवं एकतरफा बताया था। यही नहीं पाकिस्तान ने भारत को धमकी दी थी कि वह इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा।
पाकिस्तान के दावे पर टिप्पणी करने से यूएनएससी ने किया इनकार
पाकिस्तान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को एक पत्र लिखा है लेकिन पाकिस्तान को इस मामले में यूएनएससी से झटका मिला है। यूएनएससी की तरफ से पाकिस्तान के इस पत्र पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने भारत के इस ऐतिहासिक फैसले को यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन बताने संबंधी पाकिस्तान के दावे पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।
कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया
वहीं, कश्मीर को लेकर अमेरिका की तरफ से भी बड़ा बयान आया है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ किया है कि कश्मीर को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। अमेरिका ने कहा कि बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के कश्मीर समस्या का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से होनी चाहिए।
भारतीय फिल्मों व ड्रामों के प्रदर्शन पर पाक में लगी रोक
बता दें कि अनुच्छेद-370 को लेकर भारत सरकार के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के प्रदर्शन पर पाक में रोक लगा दी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है। यहां तक कि उसने भारतीय राजनयिक को इस्लामाबाद से वापस भेज दिया है। हालांकि, पुलवामा हमले के बाद से ही भारतीय फिल्मकार पाकिस्तान में फिल्में रिलीज करना बंद कर चुके हैं।