दरअसल, सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कतर से न सिर्फ अपने कूटनीतिक और राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं, बल्कि हवाई व समुद्री संपर्क तोड़ने का भी ऐलान किया है। बहरीन ने कतर में रह रहे अपने सभी नागरिकों को वहां से लौटने के लिए 14 दिन का समय दिया है।
सऊदी अरब ने अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सऊदी को आतंकवाद और कट्टरपंथ से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। सऊदी की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा कर रहा है। सऊदी ने सभी मित्र राष्ट्रों और कंपनियों से भी अपील की है कि वे भी कतर के साथ सभी तरह के संपर्क तोड़ दें।
मिस्र और यूएई ने भी कतर के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मिस्र ने जहां कतर पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया है। वहीं, यूएई का कहना है कि कतर पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र की सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
बहरीन की सरकार संचालित समाचार एजेंसी ने बताया है कि क़तर पर बहरीन के अंदरूनी मामलों में दखल देने का आरोप लगाया गया है। बहरीन ने अपने यहां रह रहे कतर के नागरिकों को देश छोड़कर जाने के लिए 14 दिनों की मोहलत दी है, जबकि कतर के राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर बहरीन छोड़ने का आदेश दिया गया है।