राजदूत अदेल अल जुबैर ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में अभियान से हुती विद्रोहियों और पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सलेह के सैन्य ढांचों को नष्ट और कमजोर किया गया।
उन्होंने यहां वॉशिंगटन में संवाददाताओं को बताया हम देखेंगे कि हुती और सलेह के सैन्य रैंक में कितना नुकसान हुआ और अब सैन्य कमांडर भी उनका साथ छोड़ कर यमन की सेना में वापस आ रहे हैं।
जुबैर ने कहा कि दबाव बढ़ रहा है जिसके चलते यमन की सेना में बड़ी संख्या में कमांडरों की वापसी की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह अभियान लक्ष्य पूरा होते तक चलेगा।
ईरान समर्थित विद्रोहियों में पिछले साल के आखिर में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद 26 मार्च से सऊदी अरब और अरब देशों के गठबंधन ने बागियों के खिलाफ हवाई अभियान शुरू किया है।