सऊदी प्रेस एजेंसी में लगातार शाही छवि में गिरावट और प्रिंस मोहम्मद बिन नाएब, जो अपनी उपाधि क्राउनप्रिंस और देश के इंटीरियर मिनिस्टर के नाते ज्यादा असरदार है ताज हासिल करने के सबसे करीबी हकदार बताया जा रहा है। दूसरी ओर नवनियुक्त क्राउनप्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले से ही रक्षाTमंत्री के रूप में देश की सुरक्षा पर नजर रखने और एक आर्थिक परिषद के प्रधान के रूप में देश की अर्थव्यवस्था का पुनर्गठन का काम किया था।
लेकिन प्राथमिक तौर पर उप युवराज के नाते वह ताज के हकदारों की कतार में दूसरे नंबर पर था। पिता के अतिरिक्त सरक्षण की वजह से शाही सर्वेक्षक उसकी उन्नति और सफलता को संदेह की नजर से देखते थे। युवा राजकुमार जनवरी 2015 में सलमान के बादशाह बनने से पहले सऊदियों और बाहर के लोगों में बहुत कम जाना जाता था। वह सबसे पहले अपने पिता के शाही कोर्ट का इ्ंचार्ज बनाया गया, जब सलमान क्राउन प्रिंस थे।
सलमान द्वारा अपने पुत्र को सर्वाधिक ताकत और अहमियत का पद दिए जाने के इस आकसमिक कदम से शाही परिवार और नजदीकी लोग अवाक रह गए। क्योंकि परिवार में अनेक लोग उससे वरिष्ठ और अनुभवी मौजूद थे और निजी व्यक्तित्व और कार्यों की वजह से जाने जाते थे।आंतरिक सुगबुगाहट भले हो लेकिन सऊदी अरब राज्य टीवी के मुंताबिक सफलता की नई राह दिखाने वाले इस बदलाव का एलिगिएंस काउंसिल के 34 में से 31 सदस्यों ने समर्थन किया है।
पिछले हफ्ते शाह ने भ्रष्टाचार और बिन नाएफ द्वारा पावर का दुरुपयोग रोकने के मद्देनजर नए भ्रष्टाचार नियंत्रण कार्यालय का गठन किया और यह सुनिश्चित किया किया कि नियंत्रक सीधे राजशाही को रिपोर्ट करेगा। शाह की नजर में नाएफ पर विश्वास नहीं था कि वह कतर को उसके इस्लामी समूह के समर्थन औ ईरान के साथ साठगांठ से अलग रखने संबंधी सऊदी और अमीराती प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएंगे।
शाह ने यह कदम उसे आम अवाम की नजरों से दूर करने और भतीजे बिन सलमान को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने के लिए उठाया। वे अब जरूरी निरीक्षण/निगरानी करने के साथ ही मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने ह्वाइट हाउस जाएंगे।