तीन महीने पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी पश्चिमी एशिया के इन दो महत्वपूर्ण देशों की यात्रा की थी। अब सुषमा स्वराज की यात्रा को इस क्षेत्र की तरफ भारत का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारत में इजरायल के दूतावास ने बताया कि इस यात्रा के दौरान भारत की विदेश मंत्री इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री के साथ-साथ इजायली सांसदों से भी मिलेंगी। सुषमा स्वराज का इजरायल में भारत समुदाय के लोगों से मिलने का भी कार्यक्रम है।
इससे पहले अक्टूबर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इजरायल की यात्रा की थी जो भारत के राष्ट्रपति का पहला इजरायली दौरा था। पिछले साल नवंबर में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इजरायल गए थे। गौरतलब है कि पश्चिम एशिया सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां भारत अपने संबंधों का और विस्तार करना चाहता है।
17 जनवरी से शुरू होने वाली सुषमा स्वराज की इस यात्रा का पहला पड़ाव फलस्तीन होगा जहां वह उस देश के नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगी। इसका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और राजनीतिक स्तर पर आपसी समझ को बढ़ाना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, यह यात्रा फलस्तीन को राजनीतिक, राजनयिक एवं विकास संबंधी सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।