मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को ‘‘जल्द ही’’ अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारत में सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत से विभिन्न एजेंसियों की एक टीम अमेरिका आई है और अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर सभी कागजी और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस बात की “अत्यधिक संभावना” है कि राणा को “जल्द ही प्रत्यर्पित किया जा सकता है।” यह भी माना जा रहा है कि राणा को बुधवार को भारत नहीं लाया जाएगा और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है।
कुछ समय पहले अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशों ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने उसका अंतिम प्रयास विफल हो गया था।
राणा ने 27 फरवरी को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय की एसोसिएट न्यायाधीश और ‘नाइंथ सर्किट’ की सर्किट न्यायाधीश एलेना कागन के समक्ष ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन’ प्रस्तुत किया था। पिछले महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था।
इसके बाद राणा ने अपने इस आवेदन को नवीनीकृत किया, तथा अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स को भेजा जाए।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक आदेश में कहा गया है कि राणा के नवीनीकृत आवेदन को चार अप्रैल 2025 की ‘कॉन्फ्रेंस’ के लिए सूचीबद्ध किया गया था और ‘‘आवेदन’’ को ‘‘न्यायालय को भेजा गया है।’’
सोमवार को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर एक नोटिस में कहा गया कि ‘अदालत ने आवेदन अस्वीकार कर दिया है।’
राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 (26/11) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।