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अफगानिस्तान: अशरफ गनी को क्यों छोड़ना पड़ा देश? खुद बताई वजह

20 साल लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया है। अब काबुल तालिबान के...
अफगानिस्तान: अशरफ गनी को क्यों छोड़ना पड़ा देश? खुद बताई वजह

20 साल लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया है। अब काबुल तालिबान के हाथों में चला गया है। इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा है कि उन्होंने रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ दिया है। आतंकवादी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अशरफ ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अब से तालिबान अफगानिस्तान के लोगों के सम्मान, धन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होगा।

अशरफ गनी ने कहा, "उन्हें सशस्त्र तालिबान और प्रिय देश को छोड़कर जाने, जिसकी मैंने पिछले 20 सालों तक रक्षा कर अपना जीवन समर्पित किया। वहां मुझे कठिन विकल्प का सामना करना पड़ा।"

उन्होंने कहा कि आतंकवादी तलवार और बंदूकों के सहारे जीत गए, लेकिन वह अफगानिस्तान के लोगों का दिल नहीं जीत सकेंगे। यदि अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अनगिनत देशभक्त शहीद हो जाएंगे और काबुल शहर तबाह हो जाएगा, जिसके फलस्वरूप 6 मिलियन की आबादी वाले शहर में एक बड़ी मानवीय तबाही होगी।

खबरों के अनुसार राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने और तालिबान के काबुल में प्रवेश के बाद अफगानिस्तान की सरकार गिर गई है।

इससे एक दिन पहले अफगानिस्तान सुप्रीम नेशनल सुलह परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अबदुल्ला ने ट्वीट पर एक वीडियो संदेश पोस्ट कर गनी को अफगानिस्तान के 'पूर्व राष्ट्रपति' के तौर पर संबोधित किया। अब्दुल्ला ने अफगानों से शांत रहने का भी आह्वान किया और कहा कि आशा है कि यह कठिन दिन और रात जल्द बीत जाएगा और लोग शांतिपूर्ण दिन देखेंगे।


बता दें कि लगभग बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के अंदर करीब पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है। वहीं अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं। इसके साथ बी उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया है।

तालिबान के उप नेता मुल्ला बरादर का कहना है कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वो इस प्रकार से जीत हासिल करेंगे। अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अब तालिबान को देखा जाएगा कि वो राष्ट्र की सुरक्षा और कल्याण कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं।

तालिबान ने न केवल बड़े शहरों में बल्कि अब राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। तालिबानी कमांडरों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। उधर अल जजीरा चैनल पर प्रसारित वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है। तालिबान के अफगानिस्तान पर अपने कब्जे का ऐलान राष्ट्रपति भवन से करने की उम्मीद है और वो देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देगा।

 

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