अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद पंजशीर घाटी पर कब्जा करने को लेकर तालिबान का अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ संघर्ष जारी है। इस बीच, तालिबान ने जहां पंजशीर घाटी में "पूरी तरह कब्जा" करने का दावा किया है। वहीं विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट यानी एनआरएफ ने तालिबान के दावे को गलत बताया है। एनआरएफ ने कहा है कि पंजशीर पर ताबिलान के कब्जे की बात गलत है।
एनआरएफ ने ट्वीट कर कहा है कि अहम चौकियो पर अभी भी हमारे कमांडर तैनात हैं। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में अलग अलग जगहों पर भी हमारे लड़ाके तैनात हैं और लड़ाई जारी है। एनआरएफ ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान के लोग इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
एनआरएफ के इस बयान से पहले तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्विट कर पंजशीर पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया था। पंजशीर की लड़ाई में विद्रोही नेता अहमद मसूद के कई कमांडर भी मारे गए हैं, जिसमें एनआरएफ के प्रवक्ता फहीम दश्ती और टॉप कमांडर सालेह मोहम्मद रेगिस्तानी भी शामिल हैं। रेगिस्तानी अहमद शाह मसूद सीनियर के करीबी थे और उन्हें गोरिल्ला लड़ाई का माहिर माना जाता था।
बता दें कि एक दिन पहले, अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी प्रांत पंजशीर में विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद ने कहा था कि तालिबान के पंजशीर छोड़ने पर रेजिस्टेंस फोर्स लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।