अब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। देश में तालिबान के कब्जे के साथ ही नए राष्ट्रपति के नाम को लेकर स्थिति साफ होती नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि तालिबान के मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।
अंग्रेजी न्यूज चैनल सीएनएन-न्यूज18 की खबर के अनुसार उसे सूत्रों ने बताया है कि तालिबान के मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति घोषित किए जाने की संभावना है।
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उन 4 महत्वपूर्ण लोगों में से एक है जिसने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान आंदोलन की शुरुआत की थी। तालिबान के हाथों शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नए राष्ट्रपति बन सकते हैं। तालिबान ने उन्हें भावी राष्ट्रपति घोषित किया है।
बता दें कि तालिबान के अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हमले के बाद 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान को घुटने पर लाने के बाद मुल्ला बरादर ने आतंकवाद की कमान संभाल ली। वह हालांकि अधिक दिनों तक स्वतंत्र नहीं रह सका। उसे फरवरी, 2010 में गिरफ्तार किया गया। उसको पाकिस्तानी शहर कराची से अमेरिका -पाकिस्तान के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया। 2012 के आखिर तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत कम चर्चा होती थी। हालांकि उसका नाम तालिबान कैदियों की सूची में सबसे ऊपर था, जिन्हें शांति वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए अफगान रिहा करना चाहते थे।
मगर बाद में तालिबान के साथ समझौता होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था। लेकिन यह साफ नहीं किया गया था कि उसे पाकिस्तान में रखा जाएगा या फिर किसी तीसरे देश में भेजा जाएगा। मुल्ला बरादर की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि गिरफ्तारी के वक्त उसे तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के सबसे विश्वासपात्र कमांडरों में से एक माना जाता था। इसके साथ ही उसको दूसरा-इन-कमांड भी कहा जाता था।
बता दें कि लगभग बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के अंदर करीब पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है। वहीं अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं। इसके साथ बी उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया है।
तालिबान के उप नेता मुल्ला बरादर का कहना है कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वो इस प्रकार से जीत हासिल करेंगे। अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अब तालिबान को देखा जाएगा कि वो राष्ट्र की सुरक्षा और कल्याण कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं।
तालिबान ने न केवल बड़े शहरों में बल्कि अब राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। तालिबानी कमांडरों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। उधर अल जजीरा चैनल पर प्रसारित वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है। तालिबान के अफगानिस्तान पर अपने कब्जे का ऐलान राष्ट्रपति भवन से करने की उम्मीद है और वो देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देगा।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि लूट और अराजकता को रोकने के लिए उनकी सेना काबुल, अफगानिस्तान और और उन चौकियों पर कब्जा करेगी, जिन्हें सुरक्षाबलों ने खाली करा लिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वो शहर में प्रवेश करने से घबराएं नहीं।