विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि 13वां ईयू-भारत सम्मेलन शुरू हो गया। सम्मेलन के बाद रात्रिभोज का आयोजन किया गया जिसमें यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउड जंकर ने हिस्सा लिया। रात्रिभोज में प्रधानमंत्री के साथ-साथ यूरोपीय संसद के अध्यक्ष मार्टिन शुल्ज ने भी भाग लिया। बातचीत के बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में लखनऊ मेटो के लिए यूरोपीय निवेश बैंक के साथ ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे पहले मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने ब्रसेल्स में द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने का आज संकल्प लिया और दोनों देशों ने प्रस्तावित भारत-यूरोपीय यूनियन मुक्त व्यापार समझौते को लेकर लंबे समय से बाधित बातचीत बहाल करने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने आज यहां अपनी मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाकर और निवेश संबंधों को विस्तारित करके आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने की प्रतिबद्धता जतायी। दोनों नेताओं की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करने पर सहमति जतायी तथा भारत-यूरोपीय व्यापक आधारित व्यापार एवं निवेश समझौते पर बातचीत परस्पर सहमत शर्तों पर बहाल करने की इच्छा जतायी।
बेल्जियम 28 देशों वाले यूरोपीय संघ का सदस्य है। मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत मई, 2013 से रूकी हुई है क्योंकि दोनो पक्षों को अभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर्याप्त अंतरों को दूर करना है जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए डेटा सुरक्षा दर्जा शामिल है। पिछले दो महीने में दोनों पक्षों के अधिकारियों की इस मुद्दे पर दो बार बैठक हो चुकी है लेकिन अगली दौर की बातचीत के लिए कोई तिथि अभी तक तय नहीं हुई है। बेल्जियम की 160 से अधिक कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। वहीं भारत की करीब 80 कंपनियां बेल्जियम में कारोबार कर रही हैं।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने व्यापार एवं निवेश के बढ़ते मौकों का लाभ उठाए जाने पर बल दिया, खासकर बंदरगाह, रेलवे, अक्षय ऊर्जा, औषधि, जैवप्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, अनुसंधान एवं नवोन्मेष जैसे परस्पर समानताओं वाले क्षेत्रों में। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में हीरा क्षेत्र के महत्व और किम्बरली प्रक्रिया की रूपरेखा में जारी सहयोग को स्वीकार करते हुए इस परस्पर लाभकारी साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया।