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टेरीजा मे को करना पड़ा ब्रेग्जिट विधेयक पर हार का सामना

ब्रिटेन के ऊपरी सदन के ब्रेग्जिट पर एक विधेयक में संशोधन के पक्ष में मतदान करने के कारण देश की प्रधानमंत्री टेरीजा मे को यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर पहली संसदीय हार का सामना करना पड़ा है। इससे ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने के लिए प्रधानमंत्री को बातचीत शुरू करने का अधिकार देने वाले इस विधेयक में देरी हो गई है।
टेरीजा मे को करना पड़ा ब्रेग्जिट विधेयक पर हार का सामना

हाउस ऑफ लॉर्ड्स कल एक संशोधन के लिए 256 के मुकाबले 358 मत पड़े। इस संशोधन में ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन में रह रहे ईयू नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने पर जोर दिया गया है। बहरहाल, हाउस ऑफ लार्ड्स में सरकार को मिली यह हार प्रतीकात्मक ही साबित हो सकती है। जब यह विधेयक हाउस ऑफ कॉमंस में आएगा तो सांसद इस संशोधन को पलट सकते हैं।

ईयू से अलग होने के लिए बनाए गए विभाग ने कहा कि  हम निराश है कि लॉर्ड्स ने इस विधेयक में संशोधन करने का चयन किया जबकि कॉमंस ने इसे बिना संशोधन के पारित कर दिया था। इस विधेयक का स्पष्ट उद्देश्य है कि जनमत संग्रह के नतीजे को लागू किया जाए और सरकार को बातचीत शुरू करने की अनुमति दी जाए।

संशोधन के पक्ष में मतदान किए जाने के बाद अब सरकार को अनुच्छेद 50 के तहत तीन माह के भीतर प्रस्तावों को पेश करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि ब्रेग्जिट के बाद ईयू नागरिकों को ब्रिटेन में पहले की तरह रहने का अधिकार मिल सकें।

सरकार हाउस ऑफ कॉमंस में इस विधेयक में संशोधन को पलटने को लेकर आश्वस्त है। हाउस ऑफ कॉमंस में 13 और 14 मार्च को यह संशोधित विधेयक पेश किया जाएगा, जहां सांसद इस पर चर्चा करेंगे कि क्या इन बदलावों को बनाए रखना चाहिए। (एजेंसी)

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