विदेश मंत्राी सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात की।स्वराज और अजीज की हुई मुलाकात के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में दोनों देशों के सहयोगी रिश्तों के निर्माण पर जोर दिया गया। इससे पहले स्वराज और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की काफी अच्छे माहौल में मुलाकात हुई। मुलाकात से ठीक पहले विदेश मंत्री ने ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल दक्षेस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। बैठक में विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मामलों पर शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज सहित दूसरे अन्य लोग भी मौजूद थे। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से स्वराज की मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि जल्द ही दोनों देशों के विदेश सचिव मुलाकात कर वार्ता प्रक्रिया का कार्यक्रम तय करेंगे। सुषमा ने कहा कि विदेश सचिवों की मुलाकात में समग्र वार्ता के अलावा अतिरिक्त घटक भी होंगे। भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात से पहले पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सम्मेलन में भाग लेने आए प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के लिए दोपहर भोज की मेजबानी भी की। अफगानिस्तान पर दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुषमा मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचीं थीं।
इससे पहले बुधवार के दिन ही हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेते हुए सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए नई शुरुआत के संकेत दिए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से बंद बातचीत और जारी तनाव को खत्म करने की पहल करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं पाकिस्तान की ओर हमारा हाथ बढ़ाना चाहूंगी। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में चल रहे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के मंच का उपयोग करते हुए स्वराज ने पाकिस्तान की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा, अब समय आ गया है कि हम एक दूसरे के साथ काम करने के लिए सूझबूझ और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करें तथा क्षेत्रीय व्यापार एवं सहयोग को मजबूत करें। पूरा विश्व इंतजार कर रहा है और बदलाव की जमीन तैयार कर रहा है। हम उन्हें निराश न करें। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को उसी गति से सहयोग देने का भी प्रस्ताव दिया, जिसपर उसे सहूलत हो।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर आयोजित मंत्री स्तरीय सम्मेलन, हार्ट ऑफ एशिया में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि आतंकवाद और चरमपंथी ताकतों को किसी भी नाम, रूप या स्वरूप में पनाह न मिल पाए। उन्होंने कहा कि धमनियों में जमाव होने पर हार्ट ऑफ एशिया काम नहीं कर सकता। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसे अफगानिस्तान की कल्पना करता है, जो व्यापार, परिवहन, उर्जा और संचार मार्गों से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण केंद्र हो।