अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार देर रात यरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा कर दी । ट्रम्प ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी एम्बेसी तेल अवीव से इस पाक शहर में ले जाएगा। अमेरिका हमेशा से दुनिया में शांति का पक्षधर रहा है और आगे भी रहेगा। इस तरह ट्रंप ने अमरीकी दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम ले जाने की भी मंजूरी दे दी है।
बीबीसी के मुताबिक इसराइली प्रधानमंत्री ने ट्रंप की घोषणा को 'ऐतिहासिक' करार दिया है। वहीं कई देशों ने इसका विरोध किया है। ट्रम्प के इस फैसले को तुर्की, सीरिया, मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, ईरान चीन, रूस, जर्मनी आदि देशों ने तनाव बढ़ाने वाला करार दिया है।
बता दें कि यरुसलेम यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों ही धर्म के लोगों के लिए धार्मिक तौर पर महत्वपूर्ण है। यरुसलेम को फिलिस्तीन भी अपने भविष्य के राष्ट्र की राजधानी बताता है। इसे लेकर फिलिस्तीन और इसराइल के बीच में तनातनी भी है। ऐसे में अमेरिका के इस ऐलान से स्थिति और बिगड़ सकती है।
लिहाजा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेरेस ने कहा कि ट्रंप का बयान इसराइल और फिलिस्तीन के बीच शांति की संभावनाओं को बर्बाद कर देगा।