फोर्ब्स पत्रिका ने बताया कि ट्रंप की लच्छेदार बातों से ऐसा संदेश गया कि उन्हें अमेरिका, पाकिस्तान और भारत के मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है। पत्रिका के अनुसार, उनकी बातचीत को उनके प्रशासन के रूख के शुरूआती संकेत के तौर पर लिया जा सकता है। जब वह कहते हैं कि पाकिस्तान कितना शानदार है और उनकी दोस्ती कितनी मजबूत है तो यह मायने रखता है। यह मायने रखता है कि वह बहुत अच्छी प्रतिष्ठा, शानदार काम... शानदार देश, अच्छी जगह, अच्छे लोग जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं।
इसने लिखा है, इससे एक संदेश यह जाता है कि उन्हें अमेरिका, पाकिस्तान और भारत के बीच मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है। पत्रिका ने लिखा है कि ट्रंप को दक्षिण एशिया की जमीनी हकीकत का पता नहीं है और शरीफ के साथ उनकी बिना जानकारी की इस वार्ता से भारत में असहज संदेश जा सकता है।
इस बीच एक प्रमुख हिंदू अमेरिकी संगठन ने ट्रंप से पाकिस्तान के रिकार्ड और खास तौर से आतंकवाद और मानव अधिकारों के प्रति उसके रिकार्ड का सावधानी से अध्ययन करें। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा, पाकिस्तान के साथ निपटने में कूटनीति की जरूरत है, लेकिन निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन को देश के दोहरे रिकार्ड के बारे में पूरी जानकारी रखने के बाद ही आगे बढ़ने की जरूरत है।
भाषा