भारत दौरे पर आए तुर्की के मंत्री कावुसोगलू ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। स्वराज के साथ बातचीत करने के बाद समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में काउसोगलू ने कहा, मैंने पहले इस मुद्दे को अपनी भारतीय समकक्ष के साथ उठाया है। उन्होंने कहा, उन सभी देशों में जहां फेटो की मौजूदगी है, उनसे हम कहते हैं कि वे अपने क्षेत्र से इनको हटाने के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फेटो गोपनीय अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क है जो पूरी दुनिया में मौजूद है। उन्होंने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि फेटो ने संगठनों और स्कूलों के माध्यम से भारत में घुसपैठ कर ली है। तुर्की के विदेश मंत्री के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत तुर्की की चिंताओं को लेकर संवेदनशील है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां फेटो से जुड़े उन संगठनों को बंद करने की अंकारा की मांग पर विचार कर रही हैं जो गैरकानूनी गतिविधियां चला रहे हैं।
भारत और तुर्की के लिए सभी तरह के आतंकवाद से खतरा होने पर जोर देते हुए काउसोगलू ने कहा, इन खतरों को लेकर सूचना के आदान-प्रदान और आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग और एकजुटता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, इसी पर तुर्की और भारत दोनों ध्यान दे रहे हैं। पिछले महीने तुर्की में तख्तापलट के विफल प्रयास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि तुर्की सेना के भीतर एक धड़े ने0 फेटो की अगुवाई में 15 जुलाई को तख्तापलट करने की कोशिश की ताकि लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंका जा सके। काउसोगलू ने कहा, हमारी लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को मेरी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज की ओर से जो त्वरित समर्थन मिला हम उसकी सराहना करते हैं। तख्तापलट के नाकाम प्रयास में 240 से अधिक लोग मारे गए थे और 1500 से अधिक लोग घायल हो गए थे।