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ईयू सांसद का दावा- मैं बगैर सुरक्षा के कश्मीरियों से बात करना चाहता था, इसलिए न्योता हो गया रद्द

ब्रिटेन के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि अभी कश्मीर के दौरे पर गये यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधिमंडल...
ईयू सांसद का दावा- मैं बगैर सुरक्षा के कश्मीरियों से बात करना चाहता था, इसलिए न्योता हो गया रद्द

ब्रिटेन के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि अभी कश्मीर के दौरे पर गये यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिये उन्हें दिये गये न्योते को भारत सरकार ने बहुत संक्षिप्त स्पष्टीकरण के साथ वापस ले लिया। ब्रिटिश नेता का दावा है कि उन्होंने पुलिस सुरक्षा के बिना के स्थानीय लोगों से बात करने की मांग की थी।

गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के दौरे पर मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा। इस दल में मुख्य रूप से 27 सांसद थे। इनमें से अधिकतर धुर दक्षिणपंथी या दक्षिणपंथी दलों से हैं। लेकिन उनमें से चार कश्मीर के दौरे पर नहीं गये हैं और बताया जाता है कि वे अपने-अपने देश लौट गये। बता दें, भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना उसका आंतरिक विषय है।

वास्तविकता छिपाने की कोशिश

यूरोपीय संसद के लिबरल डेमोक्रेट सदस्य क्रिस डेविस ने कहा कि भारत सरकार के फैसले से यह प्रदर्शित होता है कि वह ‘अपनी कार्रवाई की वास्तविकता' छिपाने की कोशिश कर रही है और प्रेस की पूर्ण स्वतंत्रता को बाधित कर रही है। डेविस की 27 से 30 अक्टूबर के बीच के दौरे के लिये न्योता को कथित तौर पर वापस ले लिया गया।

मोदी सरकार के लिये प्रचार हथकंडे का हिस्सा बनना मंजूर नहीं

डेविस ने कहा, ‘मैं मोदी सरकार के लिये प्रचार हथकंडे का हिस्सा बनने के लिये और सब कुछ ठीक-ठाक है, यह बताने के लिये तैयार नहीं हूं। यह बहुत साफ है कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कश्मीर में तार-तार किया जा रहा है और दुनिया को इसका संज्ञान लेना शुरू कर देना चाहिए।'

इसलिए न्योता लिया वापस....

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा खत्म किये जाने के दो महीने बाद डेविस को भारतीय अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर का दौरा करने का कथित न्योता दिया था।

हालांकि, डेविस का दावा है कि बहुत संक्षिप्त स्पष्टीकरण के साथ न्योता वापस ले लिया गया क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उन्हें स्थानीय लोगों से बात करने की छूट मिले। उनके साथ पुलिस या सुरक्षा बल नहीं हो और बिना पूछताछ किये पत्रकारों को बुलाया जाए।

भारत सरकार के पास छिपाने के लिये ऐसा क्या है?’

उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार के पास छिपाने के लिये ऐसा क्या है? वह पत्रकारों और आगंतुक नेताओं को स्थानीय लोगों से बात करने की आजादी क्यों नहीं दे रही? मैं इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के हजारों लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिनके परिवार का कश्मीर से जुड़ाव है। वे चाहते हैं कि वे अपने रिश्तेदारों से मुक्त रूप से बात कर पाएं। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए। सरकार लोगों की स्वतंत्रता छीन कर और सैन्य शासन थोप कर उनके दिलो-दिमाग को नहीं जीत सकती।' सांसद के कार्यालय ने कहा कि डेविस भविष्य में किसी और समय क्षेत्र का दौरा करना चाहेंगे।

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