जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देनेवाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को मोदी सरकार द्वारा खत्म करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को एक पत्र लिखा है लेकिन पाकिस्तान को इस मामले में यूएनएससी से झटका मिला है। यूएनएससी की तरफ से पाकिस्तान के इस पत्र पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने भारत के इस ऐतिहासिक फैसले को यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन बताने संबंधी पाकिस्तान के दावे पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।
दरअसल, न्यूयॉर्क में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष से पाकिस्तान द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के संबंध में लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया मांगी गई। उन्होंने इस सवाल को गंभीरता से पूरा सुना और इसके बाद कहा- कोई टिप्पणी नहीं (नो कमेंट्स)।
कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया
कश्मीर को लेकर अमेरिका की तरफ से भी बड़ा बयान आया है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ किया है कि कश्मीर को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। अमेरिका ने कहा कि बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के कश्मीर समस्या का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से होनी चाहिए।
कश्मीर मुद्दे की वजह से इमरान नहीं आए थे अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बैंकॉक में हमारी एक मीटिंग हुई थी। हमारी भारत और पाकिस्तान के साथ बातचीत होती रहती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में अमेरिका आए थे, लेकिन वह कश्मीर मुद्दे की वजह से वह यहां नहीं आए थे। कई सारे अहम मसले हैं और उन मुद्दों को लेकर हम भारत और पाकिस्तान के संपर्क में हैं। हमें उम्मीद है भारत और पाकिस्तान आपसी बातचीत से इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे।' ओर्टागस ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी भूटान और भारत का दौरा करेंगे। वह इस दौरान दोनों देशों के साथ अमेरिका के संबंधों और बेहतर बनाने पर बातचीत करेंगे।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश में है। इसी सिलसिले में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन के दौरे पर हैं। वह इस दौरान चीनी नेताओं से मिलेंगे और कश्मीर पर भारत के फैसले पर चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर चीन से मदद मांगने वहां गए हैं। भारत इस रुख पर कायम है कि कश्मीर उसका आतंरिक मसला है।
अनुच्छेद 370 को रद्द करने से यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन हुआ: पाकिस्तान
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू- कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर दावा किया कि अनुच्छेद 370 रद्द करने से यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन हुआ है। इससे पहले, गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की थी और कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करते हैं। उनसे पूछा गया कि क्या महासचिव का मानना है कि कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने का भारत का निर्णय संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है।