वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर रविवार को जानलेवा हमले में बाल-बाल बच गए। वे आर्मी डे पर सैनिकों को संबोधित कर रहे थे, उसी दौरान विस्फोटकों से लैस दो ड्रोन्स मादुरो के पास आए। इस हमले में वे बाल-बाल बच गए। हालांकि, उन्हें बचाने की कोशिश में 7 सैनिक गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
अभी ये मालूम नहीं हो पाया है कि धमाके राष्ट्रपति से कितनी दूर हुए। निकोलस ने कहा कि उन्हें मारने की साजिश पड़ोसी देश कोलंबिया और अमेरिका में बैठे अज्ञात फाइनेंसरों ने मिलकर रची। हमले की जिम्मेदारी नेशनल मूवमेंट ऑफ सोल्जर्स इन टीशर्ट नाम के एक संगठन ने ली है।
मादुरो ने इस हमले के लिए पड़ोसी देश कोलंबिया और अमेरिका के अज्ञात ‘‘वित्तदाताओं’’ को जिम्मेदार ठहराया. वहीं उनके कई अधिकारियों ने हमले के लिए वेनेजुएला के विपक्षी खेमे को जिम्मेदार ठहराया है। कोलंबिया के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर ‘एएफपी’ से बात करते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मादुरो के आरोप ‘‘निराधार’’ हैं। वेनेजुएला के सरकारी टेलीविजन पर दिखाई जा रही तस्वीरों के अनुसार कल भाषण देते हुए मादुरो उस समय अचानक सकपका गए जब जोर से कुछ गिरने की आवाज आई, तभी वहां मौजूद देश के नेशनल गार्ड के जवान तत्काल हरकत में आए और पूरे क्षेत्र में फैल गए।
बता दें कि इससे पहले जून 2017 में वेनेजुएला की सुप्रीम कोर्ट पर एक हेलिकॉप्टर से बम गिराए गए थे। हेलिकॉप्टर के पायलट ऑस्कर पेरेज ने वेनेजुएला के नागरिकों से मादुरो के खिलाफ खड़े होने की अपील की थी।