भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार शराब व्यवसाई विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। माल्या ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी तथा उनके परिजनों की मालिकाना संपत्तियों को कुर्क करने पर रोक लगाई जाए।
माल्या ने अपनी याचिका में कहा कि कथित अनियमितताओं के मामलों का सामना कर रहे किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा अन्य संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 जुलाई को माल्या की संपत्तियां कुर्क करने को लेकर विशेष अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। अदालत की खंडपीठ ने पिछले महीने माल्या द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया था जिसमें धन शोधन रोकथाम कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने लंबित कार्यवाही पर रोक का अनुरोध किया गया था।
पीएमएलए अदालत ने किया था भगोड़ा घोषित
बता दें कि इसी साल पांच जनवरी को विशेष पीएमएलए अदालत ने माल्या को भगोड़ आर्थिक अपराधी घोषित किया था। उसके बाद कोर्ट ने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की थी। माल्या ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करते हुए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून की वैधता को चुनौती दी थी। फिलहाल यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है।
प्रत्यर्पण के मामले में कोर्ट के चक्कर काट रहे माल्या
माल्या इस समय ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था जिसे न चुका पाने पर मार्च 2016 को देश दिया था। भारत ने 2017 में प्रत्यर्पण की मांग की थी और फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। माल्या ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ भी अर्जी दाखिल की है जिस पर अगले साल 11 फरवरी से तीन दिन के लिए सुनवाई होगी।
माल्या ने बार-बार देश से भागने से इनकार करते हुए कहा कि वह भारतीय बैंकों को दिए गए पैसे वापस करने के लिए तैयार हैं। विजय माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाई हैं। दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था।