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'पेरिस में आपका स्वागत है मेरे दोस्त', फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी का मैक्रों ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस पहुंचे, जहां वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल...
'पेरिस में आपका स्वागत है मेरे दोस्त', फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी का मैक्रों ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस पहुंचे, जहां वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ 'एआई एक्शन समिट' की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान वे उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, 'पेरिस में आपका स्वागत है, मेरे मित्र नरेंद्र मोदी! आपसे मिलकर खुशी हुई, प्रिय जेडी वेंस! एआई एक्शन समिट में हमारे सभी साझेदारों का स्वागत है। चलिए काम पर लग जाएं!'

भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया

वहीं, पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने आगमन की तस्वीरों के साथ कहा, 'थोड़ी देर पहले पेरिस पहुंचा हूं। यहां विभिन्न कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो एआई, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे भविष्य के क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।' प्रधानमंत्री के होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में कहा, 'पेरिस में एक यादगार स्वागत! ठंड के मौसम के बावजूद भारतीय समुदाय ने आज शाम अपना स्नेह दिखाया। हम अपने प्रवासी समुदाय के प्रति आभारी हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं!'

पीएम मोदी ने सोमवार को 'एक्स' पर लिखा, 'पेरिस में अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से मिलकर खुशी हुई।' रात्रिभोज में प्रधानमंत्री ने अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस से भी मुलाकात की। वेंस भी एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांस में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस में जबरदस्त स्वागत किया गया। पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता किए जाने से पहले आयोजित स्वागत रात्रिभोज में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गले लगाकर उनका स्वागत किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की आगामी बैठक पर अमेरिकी कांग्रेस सदस्य आर.ओ. खन्ना ने कहा, 'यह प्रतिबद्धता है कि अमेरिका-भारत संबंध द्विदलीय हों। यह किसी एक राष्ट्रपति पर निर्भर नहीं करता। मेरी आशा है कि वे राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा सैन्य संबंध और सहयोग को गहरा करने के लिए किए गए काम को आगे बढ़ाएंगे। हम दोनों ही चीन द्वारा क्षेत्रीय विस्तार के लिए उत्पन्न चुनौतियों को पहचानते हैं, चाहे वह अरुणाचल प्रदेश में हो या ताइवान में... हमारे पास वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीकरणीय ऊर्जा पर सीमा पार सहयोग का अवसर भी है, और हम भारत कॉकस के साथ ऐसा करने के लिए काम करेंगे।'

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