ल्यूक के लिए स्काई डाइविंग करना नया काम नहीं है। वह 20,000 से ज्यादा बार आसमान से कूद चुके हैं। लेकिन सब छलांगों में उनके साथ पैराशूट रहता था। यह पहली छलांग थी जिसमें पैराशूट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। ल्यूक ने यह छलांग अमेरिका के लॉस एंजलिस में लगाई है। ऐसा करने वाले ल्यूक दुनिया के पहले स्काई डाइवर बन गये हैं। लॉस एंजिलिस शहर के सेमीवैली में हेलीकॉप्टर से बिना पैराशूट बांधे 25 हजार फीट यानी करीब साढ़े सात किलोमीटर की ऊंचाई से कूदे ल्यूक को जमीन पर आने में लगभग 126 सेकेंड का वक्त लगा, इस दौरान ल्यूक की रफ्तार तकरीबन 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रही।
ल्यूक आसमान से जब जमीन पर गिर रहे थे तो उन्हें रोकने के लिए फुटबॉल के मैदान के एक तिहाई के बराबर का 100 बाई 100 फीट का एक जाल लगाया गया था। इस जाल की खासियत यह थी कि इस पर गिरने के बाद ल्यूक दोबारा हवा में नहीं उछलेंगे। दुनिया में ऐसा पहले किसी ने नहीं किया है। इस स्टंट के दौरान ल्यूक के साथ जीपीएस, कम्यूनिकेशन डिवाइस और ऑक्सीजन टैंक दिया गया था।
दो साल की कड़ी मेहनत और प्लानिंग के बाद ल्यूक ने यह स्टंट किया। ल्यूक के इस कारनामे का प्रसारण फॉक्स टीवी पर दिखाया गया। एक घंटे के शो में दो मिनट का लाइव स्टंट था। इस प्रसारण के दौरान बार-बार लिखा जा रहा था कि ‘आप इस तरह के स्टंट ना करें। एजेंसी