विश्व बैंक समूह ने पैंडेमिक्स नामक जानलेवा बिमारी से निपटने के लिए पैंडमिक्स एमर्जेंसी फाइनेंसिंग फेसिलिलटी (पीईएफ) लॉन्च किया है। इसके जरिए पैंडेमिक्स की बीमारी को बीमा के तहत शामिल किया जा सकेगा। इसका अर्थ हुआ कि एबोला, जिका जैसे जानलेवा वायरस से बचाव के लिए बीमा कवर मुहैया कराएगा विश्व बैंक।
इस बारे में विश्व बैंक ने पहल लेते हुए कहा कि पैंडमिक्स दुनिया के लोगों की जिंदगी और अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत बड़े खतरे के तौर पर उभरा है। जापान इससे निपटने के लिए पांच करोड़ डॉलर का योगदान करने के लिए का घोषणा कर चुका है।
विश्व बैंक समूह ने इस बाबत जारी की अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि इसके पीईएफ के जरिए पैंडेमिक्स से लड़ने में जो विफलता से उबरने की कोशिश की जाएगी। अभी जिस देश पर इसका कहर बरपा होता है, वह अकेले ही इससे किसी तरह से निपटता है। जबकि इसके लिए सभी को आगे आकर इससे लड़ने, इलाज करने की कोशिश होनी चाहिए। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम यॉन्ग किम ने कहा कि इस घातक इन्फलूएंजा से बचने के लिए बड़े स्तर पर पहल देने की जरूरत है और इसी लिए यह पहल की गई है। इससे पैंडिमिक्स की चपेट में आने वाले देशों को पहला बीमा कवर मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ने वाले अत्याधिक बोझ से भी बचा जा सकेगा। इसकी मदद से ज्यादा जिंदगियों को बचाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि इबोला के कहर से बड़े पैमाने पर दुनिया के कई देश प्रभावित हुए थे और उन्हें युद्धस्तर पर इससे निपटने के लिए अपने संसाधनों को लगाना पड़ा था। अब पीईएफ के जरिए दुनिया के 77 देश इंटरनेशनल डेपवलपमेंट एसोसिएशन के जरिए मदद पाने को हकदार होंगे। हालिया आर्थिक विश्लेषण से यह बात साफ होती है कि ग्लोबल जीडीपी का 0.7 फीसदी यानी 570 बिलियन डॉलर पैंडिमिक्स से निपटने पर खर्च होता है।