मलेशिया में विवादित उपदेशक जाकिर नाइक पर सार्वजनिक उपदेश देने पर पूरे देश में रोक लगा दी गई है। जाकिर पिछले कुछ समय से मलेशिया में शरण लिए हुए है। भारत सरकार मलेशिया से जाकिर के प्रत्यर्पण करने का आग्रह भी कर चुकी है।
मलेशिया पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। मलेशिया सरकार ने इस बाबत पूरे देश में आदेश जारी कर दिया है। रॉयल मलेशिया पुलिस के चीफ पीआर दतुक अस्मावती अहमद ने सरकारी आदेश मिलने की पुष्टि की है।
इन देशों ने पहले ही लगा रखी है पाबंदी
मेलाका के अलावा छह अन्य राज्यों जोहोर, सेलंगोर, पेनांग, केदाह, पर्लिस और सरवाक ने सार्वजनिक रूप से ज़ाकिर नाइक के धार्मिक उपदेशों पर पाबंदी लगा रखी है। इस क्रम में मेलका सातवा राज्य है। केदाह, पेनांग और जोहोर राज्य ने सबसे पहले ज़ाकिर के धार्मिक उपदेशों पर पाबंदी लगायी थी।
हिंदुओं और चीनियों के खिलाफ नस्ली टिप्पणी का आरोप
मलेशियाई अधिकारियों ने जाकिर नाइक को हिंदुओं एवं चीनियों के खिलाफ कथित नस्ली टिप्पणी करने के मामले में दूसरी बार तलब किया था। इससे कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित भारतीय इस्लामी धर्म उपदेशक को कहा था कि उसे देश में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है। आधिकारिक बरनामा संवाद समिति ने सोमवार को खबर दी कि नाइक को रॉयल मलेशिया पुलिस मुख्यालय, बुकित अमन में उसका बयान दर्ज कराने के लिए दूसरी बार बुलाया गया है।
उठने लगी हैं भारत वापस भेजे जाने की आवाजें
भारतीय अधिकारी कथित मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत भरे भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के मामलों में 2016 से नाइक की तलाश कर रहे हैं। सीआईडी के निदेशक हुजीर मोहम्मद ने बताया कि जाकिर दंड संहिता की धारा 504 के तहत अपना बयान देने के लिए बुकित अमन आने वाला है। यह धारा शांति भंग करने के लिए उकसाने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी हुई है। खबर में बताया गया कि 53 वर्षीय उपदेशक ने पहली बार 16 अगस्त को अपना बयान दर्ज कराया था। वह मुस्लिम बहुल मलेशिया का स्थायी निवासी है। नाइक पर मलेशियाई हिंदुओं एवं मलेशियाई चीनियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है जिसके बाद से उसे भारत वापस भेजे जाने की आवाजें उठने लगी हैं।