सोशल मीडिया फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'एंटी ट्रंप' होने संबंधी बयान को खारिज कर दिया है। जुकरबर्ग ने ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि रूसी एजेंट ने फेसबुक पर विज्ञापन खरीदा और 2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव पैदा करने के लिए फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए।
ट्रंप द्वारा फेसबुक को ‘एंटी ट्रंप’ बताने पर जुकरबर्ग ने फेसबुक पर साझा किए अपने एक पोस्ट में कहा, ‘मैं हर दिन लोगों को एक साथ लाने और हर किसी के लिए एक समुदाय का निर्माण करने के लिए काम करता हूं’। जुकरबर्ग ने कहा, ट्रम्प कहते हैं कि फेसबुक उनके खिलाफ है, उदारवादी कहते हैं कि हम ट्रम्प की मदद करते हैं दोनों पक्ष विचारों और सामग्री के बारे में परेशान हैं, जो उन्हें पसंद नहीं हैं।
जुकरबर्ग ने फेसबुक के एंटी ट्रंप होने वाले आरोपों पर कहा, 'अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में इंटरनेट ही जनता से संपर्क साधने का प्रमुख साधन था। इसके अलावा यह उम्मीदवारों की योग्यता के बारे में भी जानने का सबसे अच्छा साधन था।' वहीं, फेसबुक संस्थापक ने फेसबुक पर गलत जानकारी के कारण चुनाव परिणाम बदले जाने की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा कि ऐसी सोच पागलपन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि फेसबुक ने लगभग 20 लाख लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया।
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेसबुक को ट्रंप विरोधी बताते हुए कहा था कि फेसबुक हमेशा से 'एंटी ट्रंप' था। ट्रंप ने फेसबुक द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच में मदद की पेशकश के बाद गुस्सा जताया है।
ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि फेसबुक हमेशा से एंटी ट्रंप रहा है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन टाइम्स पर भी ट्रंप विरोधी होने का आरोप लगाया। ट्रंप ने अगले ट्वीट में अमेरिकी जनता के अपने साथ होने का दावा किया। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने नौ महीने में जितना कर दिखाया उतना किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने नहीं किया।
ट्रंप का बयान फेसबुक के उस कदम के एक दिन बाद आया है जिसमें सोशल मीडिया कंपनी ने रूसी एजेंसी द्वारा खरीदे गए 3,000 विज्ञापनों के कंटेंट संसदीय जांच कमेटी को उपलब्ध कराने की बात कही है। गौरतलब है कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रूस की कथित भूमिका की जांच की जा रही है।