ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायली हमलों और हत्या की धमकियों के बीच तीन वरिष्ठ मौलवियों को अपने संभावित उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 86 वर्षीय खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा खामेनेई को इस सूची में शामिल नहीं किया, जो पहले उत्तराधिकारी के रूप में चर्चा में थे। यह निर्णय इजरायल द्वारा हाल के हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की हत्या के बाद लिया गया है, जिसने ईरानी नेतृत्व में सुरक्षा और खुफिया तंत्र की गंभीर चूक को उजागर किया है।
रिपोर्ट में तीन ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि खामेनेई ने देश की विशेषज्ञ सभा (Assembly of Experts) को निर्देश दिया है कि यदि उनकी हत्या हो जाती है, तो इन तीन मौलवियों में से किसी एक को जल्दी से उत्तराधिकारी चुना जाए। खामेनेई ने यह कदम इजरायल के हमलों के बाद उठाया, जो 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के बाद से सबसे बड़े सैन्य हमले माने जा रहे हैं। खामेनेई वर्तमान में एक बंकर में छिपे हुए हैं और उन्होंने डिजिटल संचार को पूरी तरह बंद कर दिया है, ताकि उनकी लोकेशन का पता न लगाया जा सके।
इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने खामेनेई को "आधुनिक हिटलर" करार देते हुए उनकी हत्या की धमकी दी है, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि खामेनेई का निशाना बनाना "संघर्ष को समाप्त" कर सकता है। इसके जवाब में खामेनेई ने कहा, "ईरानी राष्ट्र को धमकियों की भाषा में नहीं झुकाया जा सकता।" उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की "बिना शर्त समर्पण" की मांग को भी खारिज कर दिया।
ईरान के खुफिया मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिकारियों को भूमिगत रहने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करने का आदेश दिया है, क्योंकि इजरायली घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है। खामेनेई ने सैन्य कमांडरों के लिए भी वैकल्पिक नियुक्तियां शुरू की हैं, क्योंकि इजरायल ने उनके कई विश्वसनीय सैन्य सलाहकारों को निशाना बनाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने इस्लामिक गणराज्य की स्थिरता बनाए रखने के लिए असाधारण कदम उठाए हैं। हालांकि, सैन्य ढांचा अभी भी कार्यशील है, लेकिन इसे भारी नुकसान पहुंचा है। खामेनेई का मानना है कि यदि उनकी हत्या होती है, तो वह "शहीद" के रूप में मरेंगे।