पिछले दो दिनों से माँ काली की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वह सिगरेट पीते हुए नजर आ रही हैं। इसको लेकर देश ही नहीं अब विदेश में भी विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कनाडा के अधिकारियों से एक विवादास्पद फिल्म से संबंधित सभी ‘‘उत्तेजक सामग्री’’ को हटाने का आग्रह किया है।
टोरंटो की फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी डॉक्यूमेंट्री 'काली' का पोस्टर साझा किया, जिसमें देवी को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू झंडा पकड़े हुए दिखाया गया है।
पोस्टर जारी होने के बाद से हैशटैग 'अरेस्ट लीना मणिमेकलई' के सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा। विरोध करने वालों ने यह आरोप लगाया कि फिल्म निर्माता धार्मिक भावनाओं को आहत कर रही हैं। 'गौ महासभा' नाम के एक समूह के एक सदस्य ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
ओटावा में भारतीय उच्चायोग द्वारा सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि उसे कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से 'हिंदू देवताओं के अपमानजनक चित्रण' के बारे में शिकायत मिली थी। अधिकारियों ने कहा कि टोरंटो में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के आयोजकों को इन चिंताओं से अवगत कराया है। हमें यह भी बताया गया है कि कई हिंदू समूहों ने कार्रवाई करने के लिए कनाडा में अधिकारियों से संपर्क किया है।
इसमें कहा गया है, "हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से ऐसी सभी भड़काऊ सामग्री वापस लेने का आग्रह करते हैं।" तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी मणिमेकलई ने सोमवार को कहा कि वह जिंदा रहने तक निडर होकर अपनी आवाज का इस्तेमाल करती रहेंगी।
मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, "मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज के साथ रहना चाहता हूं जो बिना किसी डर के मेरे विश्वास को बोलती है। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।"
उन्होंने जवाब में कहा, "फिल्म एक शाम टोरंटो शहर की सड़कों पर काली के टहलने के दौरान की घटनाओं के बारे में है। अगर वे फिल्म देखते हैं, तो वे 'अरेस्ट लीना मणिमेकलाई' के बजाय 'लव यू लीना मणिमेकलाई' हैशटैग लगाएंगे।"