पाकिस्तान की ओर से यह प्रतिक्रिया आईसीजे के उस फैसले के बाद आई है, जिसमें उसने अंंतिम फैसला होने तक पाकिस्तान सरकार को कुलभूषण जाधव की फांसी रोकने को कहा है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पूर्व नेवी अधिकारी जाधव को जासूसी का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। गुरुवार के आदेश से साफ हो गया है कि इस मामले पर भारत को कूटनीतिक कामयाबी मिलती दिख रही है। संभवत: पाकिस्तान इसी से बौखलाया हुआ है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा है कि पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं से मशविरे के बाद जाधव मामले में आईसीजे के फैसले को चुनाैैैती देने का फैसला किया गया है। आईसीजे को भेजे गए जवाब में पाकिस्तान ने कहा है कि वियना समझौते के तहत कुछ मामलों पर वह आईसीजे के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार नहीं करता है। जकारिया का कहना है कि जाधव केस पर दुनिया का ध्यान खींंचने के लिए भारत इस मामले को मानवीय कोण दे रहा है।
गौरतलब है कि आईसीजे संयुक्त राष्ट्र की न्यायिक संस्था है। वियना समझौते के तहत इस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश मानने के लिए पाकिस्तान बाध्य है। लेकिन जिस तरीके से पाकिस्तान आईसीजे के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दे रहा है, उससे पूरी आशंका है कि वह कोर्ट के आदेश को नहीं मानेगा।
- एजेंसी इनपुट