जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान भी डरा हुआ है। पड़ोसी देश में हलचल तेज है और इसी के बीच एक बड़ा दावा सामने आया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि उनका देश आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है।
एक वीडियो क्लिप, जो अब वायरल हो गई है, में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हाकिम के साथ बातचीत कर रहे हैं, जब हाकिम उनसे पूछती हैं, "लेकिन आप यह तो मानते हैं, महोदय, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का एक लंबा इतिहास रहा है?"
ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, "हम करीब तीन दशक से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं... यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।"
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने स्काई न्यूज प्रस्तोता यल्दा हाकिम को दिए साक्षात्कार में भारत के साथ "संपूर्ण युद्ध" की भी चेतावनी दी है। आसिफ का बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि पाकिस्तान कई वर्षों से इन आतंकवादी समूहों को पनाह दे रहा है।
इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। इस बात पर गौर किया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव कराने और आर्थिक वृद्धि एवं विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को भरोसा दिलाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के दोषियों की कमर तोड़ देगी।