पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े एक भूमि भ्रष्टाचार मामले में स्थानीय अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला शुक्रवार को रावलपिंडी की एक जेल में बनाई गई अस्थायी अदालत में सुनाया गया। इस मामले में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप सबसे बड़ा था, जिसका सामना 72 वर्षीय खान ने किया है।
एंटी-करप्शन कोर्ट के जज नासिर जावेद राणा ने यह फैसला सुनाया, जिसे विभिन्न कारणों से तीन बार टाला गया था। आखिरी बार यह फैसला 13 जनवरी को स्थगित किया गया था।
नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 2023 में खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी (50) और छह अन्य लोगों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया। इन पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड (लगभग 50 अरब पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान पहुंचाया।
हालांकि, खान और बुशरा बीबी पर मुकदमा चलाया गया, जबकि अन्य आरोपी, जिनमें एक बड़े प्रॉपर्टी टाइकून भी शामिल हैं, देश से बाहर हैं। यह मामला इस आरोप के इर्द-गिर्द घूमता है कि ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी द्वारा एक प्रॉपर्टी टाइकून के साथ समझौते के तहत पाकिस्तान को लौटाई गई राशि को राष्ट्रीय खजाने के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।
आरोप है कि इन पैसों का उपयोग अल-कादिर यूनिवर्सिटी, झेलम के लिए 458 कनाल जमीन खरीदने और ट्रस्ट से जुड़े कार्यों में किया गया। बुशरा बीबी, जो अल-कादिर ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं, पर इस समझौते से लाभ उठाने का आरोप है।