दुनिया की 5वी अर्थव्यवस्था भारत जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने की तैयारी में है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश को अपने कार्यकाल के दौरान वैश्विक भलाई पर ध्यान देना चाहिए।प्रधानमंत्री ने ज़ोर दे कर कहा कि शांति , एकता, पर्यावरण और सतत विकास जैसी चुनौतियों का समाधान भी ज़रूरी है।
गौरतलब है कि भारत आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर को इंडोनेशिया में होने वाले जी20 सम्मेलन में जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।यह देखते हुए कि जी20 की अध्यक्षता भारत के लिए एक "बड़ा अवसर" है, मोदी ने कहा कि भारत ने जो विषय दिया है वह "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 में दुनिया की दो-तिहाई आबादी, विश्व व्यापार का तीन-चौथाई और विश्व जीडीपी का 85 प्रतिशत शामिल है। आप कल्पना कर सकते हैं - भारत इतने बड़े समूह, इतने शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता 1 दिसंबर से करने जा रहा है।
प्रधान मंत्री ने कहा, "भारत के लिए, प्रत्येक भारतीय के लिए कितना बड़ा अवसर आया है! यह और भी विशेष हो जाता है क्योंकि भारत को 'आजादी का अमृत काल (भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष') के दौरान यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।"
अपने 95वें मन की बात प्रसारण में, मोदी ने तेलंगाना के एक बुनकर हरिप्रसाद के एक "अनूठे उपहार" की सराहना की, जिसने पीएम को अपने हाथों से बुना हुआ जी20 लोगो भेजा था।
G20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप शामिल हैं।
G-20 की अध्यक्षता भारत के लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है और उसे इस अवसर का पूरा उपयोग करना है और वैश्विक भलाई और दुनिया के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है।उन्होंने कहा, "चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो या सतत विकास, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है।"