प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे क्षेत्र के लिए कट्टरता बड़ी चुनौती है, अफगानिस्तान में हाल ही में जो हुआ वो इसका उदाहरण है। बता दें कि यह बैठक ताजिकिस्तान के दुशाम्बे में हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ कट्टरवाद है। अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इन चुनौतियों को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर एससीओ को पहल लेकर काम करना चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि भूमि से घिरे हुए मध्य एशिया के देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़कर अपार लाभ हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएँ हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।
बता दें कि एससीओ समुह में कुल आठ देश शामिल हैं, भारत औऱ पाकिस्तान को साल 2017 में ही इस समुह में जोड़ा गया है। इनमें चीन, कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल है।