रूसी सेना का कहना है कि उसने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों के साथ यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमलों की एक नई श्रृंखला को अंजाम दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने रविवार को कहा कि किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल ने मायकोलाइव के काला सागर बंदरगाह के पास कोस्तियांटिनिव्का में एक यूक्रेनी ईंधन डिपो को हिट किया है।
बताया जा रहा है कि यह हाइपरसोनिक मिसाइल परमाणु और कन्वेंशनल दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2000 किलोमीटर की है और यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है और इसकी स्पीड ध्वनि की रफ्तार से 10 गुना तेज है।
कोनाशेनकोव ने उल्लेख किया कि कैस्पियन सागर से रूसी युद्धपोतों द्वारा शुरू की गई कलिब्र क्रूज मिसाइलें भी कोस्टियनटिनिवका में ईंधन डिपो पर हमले में शामिल थीं। उन्होंने कहा कि काला सागर से दागी गई कैलिबर मिसाइलों का इस्तेमाल उत्तरी यूक्रेन के चेर्निहाइव क्षेत्र के निज़िन में एक आर्मर रिपेयर सेंटर को नष्ट करने के लिए किया गया था।
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद धीरे-धीरे न्यूक्लियर वॉर की तरफ बढ़ता जा रहा है। रूस द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग उसी कड़ी में पहला कदम हो सकता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने यह दावा किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को न्यूक्लियर वॉर ड्रिल के लिए अभ्यास करने का आदेश दे दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद में परमाणु हथियारों का भी उपयोग हो सकता है। न्यूक्लियर वॉर इवैक्युएशन ड्रिल की रिपोर्ट ने क्रेमलिन के अधिकारियों को हिला कर रख दिया है। वहीं, पुतिन ने सीनियर राजनीतिक हस्तियों को खुद चेतावनी दी है कि वे न्यूक्लियर वॉर इवैक्युएशन ड्रिल में भाग लेंगे।