Advertisement

शेख हसीना को झटका! अवामी लीग को बांग्लादेश में चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग को चुनावों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी...
शेख हसीना को झटका! अवामी लीग को बांग्लादेश में चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग को चुनावों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह टिपप्णी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के एक प्रमुख सलाहकार ने शनिवार को की।

भेदभाव विरोधी आंदोलन के शीर्ष नेता महफूज आलम ने कहा, "चुनाव केवल बांग्लादेश समर्थक समूहों के बीच ही लड़े जाएंगे।"

इस आंदोलन ने उस जन-विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसकी वजह से पिछले वर्ष पांच अगस्त को हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई थी और उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।

चांदपुर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आलम ने कहा कि केवल पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लाम और अन्य "बांग्लादेश समर्थक" समूह ही देश में अपनी राजनीति जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी "निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से भविष्य में सरकार बनाएगा।”

मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रशासन में बिना विभाग के मंत्री आलम ने कहा, "लेकिन इस देश में अवामी लीग को वापसी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"

आलम ने कहा कि जब तक "न्यूनतम सुधार" लागू नहीं किए जाते और "फासीवादी हसीना सरकार" द्वारा कथित रूप से नष्ट किए गए संस्थानों का पुनर्गठन नहीं किया जाता, तब तक कोई चुनाव नहीं होगा।

शुरुआत में यूनुस ने आलम को अपनी सरकार में विशेष सहायक के रूप में नियुक्त किया था, और बाद में उन्होंने अंतरिम मंत्रिमंडल में सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया।

पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर एक समारोह में, यूनुस ने आलम को “सावधानीपूर्वक” डिज़ाइन किए गए छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के “मुख्य सूत्रधार” के रूप में पेश किया, जिसने पिछली सरकार को उखाड़ फेंका।

पांच अगस्त 2024 के बाद से अवामी लीग वस्तुतः खुले राजनीतिक परिदृश्य से बाहर हो गई है। इसके अधिकांश नेता और हसीना के कैबिनेट सदस्य या तो हत्या एवं अन्य आपराधिक आरोपों में जेल में बंद हैं या देश से बाहर चले गए हैं।

इससे पहले, बीएनपी ने कहा था कि वह किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ है।

इसने न्यूनतम सुधारों के बाद यथाशीघ्र चुनाव कराने की मांग की तथा इसे एक सतत प्रक्रिया बताया।

एक अन्य छात्र नेता एवं सूचना मामलों के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार के सलाहकार अपने पदों से इस्तीफा देकर पार्टी का गठन करेंगे और भविष्य में चुनाव लड़ेंगे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad