श्रीलंका में हालात एक बार फिर से बेकाबू होते जा रहे हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की घोषणा की, जो आधी रात से लागू हो जाएगा। यह जानकारी श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने दी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, राजपक्षे का यह निर्णय जनता की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं को बरकरार रखने के लिए है ताकि देश का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित हो सके।
श्रीलंका में जनता द्वारा पिछले कई सप्ताह से राष्ट्रपति और सरकार के इस्तीफे की मांग के बीच आपातकाल लागू करने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि आपातकाल के तहत पुलिस और सुरक्षा बलों को मनमाने तरीके से किसी को भी गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की शक्ति मिल जाती है।
बता दें कि श्रीलंका इस समय दिवालिया होने की कगार पर है और 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और लोगों को आवश्यक वस्तुओं की कमी के साथ ही भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
जाहिर है कि इससे पहले राजपक्षे ने उनके निजी आवास के बाहर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन होने के बाद एक अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की थी। हालांकि, पांच अप्रैल को इसे वापस ले लिया गया था।
देश में जारी भयावह आर्थिक संकट के बीच, कुछ दिनों पहले श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल ने सरकार और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। गोटबाया राजपक्षे को पद से हटाने के लिए विपक्ष के पास 225 सदस्यीय संसद में बहुमत होना चाहिए। फिलहाल यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स के पास 54 मत हैं, जिसे देश के छोटी पार्टियों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ दल के पास अभी लगभग 150 मतों का समर्थन है।